Posts

Showing posts from May, 2023

सरस्वती बन्दना

 सरस्वती बन्दना  पग बन्दन करूँ कर जोर हो, आवा मइहर मयरिया।। ऊँचे पहड़वा पे तोहरा बसेरा। सुबह शाम लागे भगतवन का डेरा।। करते भजन चहुँ ओर हो, आवा मइहर मयरिया।। नहीं कुछ ज्ञान अहइ हमरे मयरिया। उतने पे छाई चहुँ ओर अधिअरिया।। दिलवा मे कइद्या अजोर हो, आवा मइहर मयरिया।। सद्बुध्दि देकरके कष्ट हरो माँ। सुनिये पुकार नही देर करो माँ।। मन लागे भक्ती मे मोर हो, आवा मइहर मयरिया।। जग सारा हरदम तोहार गुन गावे। आर0 के0 सदा पगमे नहिया लगावे।। पे्रम पवन बहे चहुँ ओर।। आवा मइहर मयरिया।।

परिवर्तन (गजल)

 परिवर्तन (गजल) अनोखा खेल इस जग को दिखाता रोज परिवर्तन। कहीं पर गम कहीं खुशियाँ दिखाता रोज परिवर्तन।। कहीं पर जन्म का उत्सव, मरण होता कहीं देखा। मिलन होता कहीं विछुड़न कराता रोज परिवर्तन।। अनोखा खेल।। कोई दौलत के विन रोता जहाँ के बीच रहकरके। किसीको धन की सइया पर सुलाता रोज परिवर्तन।। अनोखा खेल।। मान सम्मान पर मरते बहुत से बीर भारतमें। कहीं पर लोभी की काया बचाता रोज परिवर्तन।। अनोखा खेल।। नजर में आर0 के0 दिखते हो रहे रोज परिवर्तन। सूर्य चन्दा को दे किरणे बुझाता रोज परिवर्तन।। अनोखा खेल इस जग में.....।।