शबरी गृह गमन ( फाग )
शबरी गृह गमन ( फाग )
शबरी के दुअरवा जाइ रहे, वही जूठी बइरिया खाइ रहे।।
के हो बइरिया को मीठी बतावे।
के हो पीछे बहाइ रहे।। वही जूठी बइरिया।।
राम बइरिया को मीठी बतावे।
लक्ष्मण पीछे बहाइ रहे।। वही जूठी बइरिया।।
के हो शबरी को भक्ती बतावे।
के हो ध्यान लगाइ रहे।। वही जूठी बइरिया।।
राम जी शबरी को भक्ती बतावे।
लक्ष्मण ध्यान लगाइ रहे।। वही जूठी बइरिया।।
आर0 के0 इश्वर की माया ना जाने।
शबरी को माया दिखाइ रहे।। वही जूठी बइरिया।।
उलारा: शबरी से राम (2) अनुपम भक्ती बताये।।
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