भोजपुरी कहरवा: पृथ्वी का व्याकुल होना

वर पाके रावण अनुचरो से बोला ऋषि मुनि का करिये बधानवा, जीति हम लेवइ सगरउ जहनवा।।

ऋषि मुनि को राक्षस लगे है सताने।

रहना गई उनकी बुध्दि ठिकाने।।

अपने पराक्रम से सबही को जीता, छीना है पुष्पक विमानवा, जीति हम लेवइ सगरउ जहनवा।।

हाहाकार ऋषी सन्त सुरगण मचावे।

छिपा छिपा तनवा को जनवा बचावे।।

धेनु रूप मे भू माँ देवो से बोली, अब करिये कोई जतनवा, जीति हम लेवइ सगरउ जहनवा।।

सुनि के आवाज देव बोले बचनिया।

पृथ्वी माँ चुप रहिये कापै बदनिया।।

असुरन्ह अवजिया सुनते ही आके, सबही का हरिहै परनवा, जीति हम लेवइ सगरउ जहनवा।।

आर0 के0 सभी प्रभु से अर्जी लगाये।

विष्णु गगन पथ से धीरज बधाये।।

लेके अवतार भार सब का उतरबै, असुरन्ह का होइहै बधानवा, जीति हम लेवइ सगरउ जहनवा।।


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