दादरा: ईश्वर स्तुति
शैर: जो कोई भगवान के प्राणी पर खुश होता नही।
वह कभी दुनिया मे सुख से नीद भर सोता नही।।
पाप जितने हो कमाये, अपनी इस जवानी मे।
दूर कर लो अब इसे तुम, ईश की कहानी मे।।
भजो श्री कृष्ण कन्हाई, उमर यूँ ही सारी गवाई।।
राधे गोविन्द नटवर माधो, सीता पति रघुराई।।
उमर यूँ ही सारी गवाई।।
दामोदर नारायण गिरधर, प्रजापति यदुराई।।
उमर यूँ ही सारी गवाई।।
वासुदेव श्रीपति मुरलीधर, आनन्द कन्द कन्हाई।।
उमर यूँ ही सारी गवाई।।
दास आर0 के0 किर्तन गावे, लागो नाथ सहाई।।
उमर यूँ ही सारी गवाई।।
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