हनुमान बन्दना
श्लोक: अतुलित बलधामम् हेम शैला भदेहम् दनुज
बन कृशानुम ज्ञानिनाम् अग्रगण्यम्
सकल गुणनिधानम् बानराणामधशिम्
रघुपति प्रिय भक्तम बातजातम् नमामि।।
सुनिल्या पुकार, मोरी सुनिल्या पुकार अंजनि के लाल।
पकड़ी हम तोहरी चरनिया हो।। अंजनि जी के लाल।।
तुमही सुग्रीव जी की रक्षा कराया।
बाली को होइ गइ बधनिया हो, अंजनि जी के लाल, पकड़ी हम -
लंका मे जाके सिया सुध लिआये।
बनी राख लंका नगरिया हो, अंजनि जी के लाल, पकड़ी हम -
रक्षा करइमे ना देरी लगावा।
आके दिखाइ द्या बदनिया हो, अंजनि जी के लाल, पकड़ी हम -
काहे को आर0 के0 की सुधिया विसारे।
हमरी बताइ द्या नदनिया हो, अंजनि जी के लाल, पकड़ी हम तोहरी चरनिया हो।।
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