भजन: शिव विवाह
भोला चले ससुराल हो, देखि कापैं परनवा।।
दूल्हा के अजब सिंगार हो, देखि कापै परनवा।।
भूत प्रेत सब बने बराती।
बसहा बैल पे सवार हो।। देखि कापै परनवा।।
कानो मे बिच्छू का कुण्डल सुहाये।
जटा बीच गंगा की धार हो।। देखि कापै परनवा।।
गरदन बीच नाग करे फुफकारी।
नाचे योगिनिया हजार हो।। देखि कापै परनवा।।
बाघम्बर कटि बीच शिवदानी बाधे।
डमरू बजाये बार बार हो।। देखि कापै परनवा।।
आर0 के0 नही शिव की माया को जाने।
जो कि है अगम अपार हो।। देखि कापै परनवा।।
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