नटका: ईश्वर से विनय

शैर: सॉवरे श्याम अगर, प्यार आप का पाऊँ।

        चरण रज आपकी, मै शीश पर चढ़ा जाऊँ।।

        विनय है बार बार, मुझे अब बिसारो ना।

        निगाह से अपने स्वामी, मुझको तुम उतारो ना।।

 

        तनी ताक लेत्या नजरिया उगइके।।

        गणिका तारया, अजामिल तारया।

        तारया अहिल्या चरनिया छुआइके।। तनी ताक लेत्या नजरिया उगइके।।

        गज के तारया औ मीरा के तारया।

        सुदामा के तारया महलिया बनाइके।। तनी ताक लेत्या नजरिया उगइके।।

        भक्तन के तारया असुर संघारया।

        शबरी के तारया तू भक्ती बताइके।। तनी ताक लेत्या नजरिया उगइके।।

        ध्रुव को तारया औ होलिका को मारया।

        आर0 के0 को तारया तू ज्ञनवा बताइके।। तनी ताक लेत्या नजरिया उगइके।।


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