कजली: कृष्ण की बाल लीला
श्याम दूध पिये चीनी की कटोरी मे, जमुना की खोरी मे ना।।
वही नन्द के ललन, खेले जसुदा के भवन।
दौड़े सगरउ अगनवा जोरा जोरी मे।। जमुना की खोरी मे ना।।
दही माखन चुरावे, ग्वाल बाल को खिलावे।
कई बार श्याम पकड़े गये चोरी मे।। जमुना की खोरी मे ना।।
चोरी किये नटवर, हुई माँ को खबर।
यशुदा श्याम जी को पकड़ि बाधी डोरी मे।। जमुना की खोरी मे ना।।
बधिके रस्सी मे श्याम, हुए आप बदनाम।
दिलवा आपन लगाये राधा गोरी मे।। जमुना की खोरी मे ना।।
हुए आर0 के0 मगन, करके श्याम को नमन।
ध्यान दिये श्याम भक्तन की ओरी मे।। जमुना की खोरी मे ना।।
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