पूर्वी: निर्गुण

दुखवा मे बीतल तोहरी सगरउ उमरिया रे मन पूजा कइले।।

होके प्रभु पग मे विभोर।। रे मन पूजा कइले।।

जवने दिन अइहै पास प्रभु का संदेशवा।

सुध बुध भुलाई जइहै होइहै कलेशवा।। रे मन पूजा कइले।।

कोमल जिअरा होइ जाए कठोर।। रे मन पूजा कइले।।

विधि से बनाई अनुपम ढंग से महलिया।

छुटि जइहै सगरी तोहरी संग की सहेलिया।। रे मन पूजा कइले।।

हाय हाय मचै लगै शोर।। रे मन पूजा कइले।।

ऊपर देखा चादर नीचे चादर बा बिछाई।

जात समय मे चादर छुटिगै आई गई तनहाई।। रे मन पूजा कइले।।

अधियर से भइल बा अजोर।। रे मन पूजा कइले।।

पाप पुण्य बीच होइहै बहुतै लड़ाई।

आ0 के0 ना रहिया तबही पड़िहै दिखाई।। रे मन पूजा कइले।।

होइहै पापी जिअरा के झझोर।। रे मन पूजा कइले।।


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