दुर्गा दरबार वर्णन (नॅथनिया पे गोली)
कितना सुहाये मइया सच्चा दरबार हो,
भजनिया मे लीन भयल सारा संसार हो।।
चर्तुभुजी रूप मइया तोहरा सुहाये।
कर मे त्रिसूल संग खप्पर उठाये।।
रक्तासुर को मारि किहलिउ जन उद्धार हो।।
भजनिया मे लीन भयल सारा संसार हो।।
प्रेम भाव अम्बे तोहरे हिय मे समाया।
दुर्जन के खातिर कर मे खड़ग उठाया।।
महिषासुर को मारि जग मे किहिउ उजियार हो।। भजनिया मे लीन भयल सारा संसार हो।।
भक्तन को दिहलिउ मइया हरदम सहारा।
उनकी नवरिया किहलिउ भव से किनारा।।
श्म्भिु और त्रिशिम्भु मइया गया तोहसे हार हो।। भजनिया मे लीन भयल सारा संसार हो।।
आर0 के0 पुकारे दया दृष्टि अब दिखावा।
कहे श्री राम अरि को मारि के भगावा।।
सभी जन के हिय से भागे द्वेष का विकार हो।। भतनिया मे लीन भयल सारा संसार हो।।
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