कजली: शारदा बन्दना
आवा सुनि के पुकार, देवी मइया जी हमार।
छोड़ तनिक देर मइहर पहरवा ना।।
तुम हो आदि शक्ति मात, हमे राहना सुझात।
छाया चारउ ओर देखा अधियरवा ना।। छोड़ तनिक देर।।
माफ कइके माँ कसूर, उर का तिमिर कइद्या दूर।
दीख पड़े मइया मग का किनरवा ना।। छोड़ तनिक देर।।
शब्द कोष माँ बढ़ावा, भक्ति भाव को जगावा।
दूर कइद्या तन से द्वेष का जहरवा ना।। छोड़ तनिक देर।।
मइया आर0 के0 नदान, मागे भक्ति रूपी दान।
दीजै खोलि मइया दया का अचरवा ना।। छोड़ तनिक देर मइहर पहरवा ना।।
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