गजल: ईश्वर की महिमा

भगवान एक तुम्ही हो विपदा हटाने वाले।।

दूजा कोई नही है मुक्ती दिलाने वाले।।

राजा हो या भिखारी सब पर नजर तुम्हारी।

छोटे बड़े सभी मे तुमही समाने वाले।। भगवान एक तुम्ही ।।

सारे जहाँ मे हरदम चलते तेरे इसारे।

संसार रूपी नइया तुमही चलाने वाले।। भगवान एक तुम्ही ।।

जो भूल कर है बैठा महिमा तुम्हारी ईश्वर।

उसको भी इस जहाँ से तुम ही छुड़ाने वाले।। भगवान एक तुम्ही ।।

जब ग्राह गज को पकड़ा तुमने उसे बचाया।

जीवन मरण का बन्धन तुम ही छुड़ाने वाले।। भगवान एक तुम्ही ।।

आया शरण तुम्हारी अब दास आर0 के0 है।

लीजै उबार स्वामी पावन कहाने वाले।।

भगवान एक तुम्ही हो विपदा हटाने वाले।।


Comments

Popular posts from this blog

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।

न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किच्ञन।

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।