गणेश बन्दना

गणपति बप्पा आइ पधारो, करूँ सदा सम्मान, जगत मे बनते आप महान।।

जय दुःख भंजन उमा के नन्दन चन्दन शीश लगाते हैं।

रिध्दि सिध्दि को संग मे लेकर भव दुःख दूर भगाते हो।।

एकदन्त हो दयावन्त तुम जाने सकल जहान।। जगत मे बनते आप महान।।

देव दनुज औ मनुज आदि सब प्रभु की गाथा गाते है।

करके मूस सवारी जग मे अद्भुत शोभा पाते हैं।

सन्तो के ऊपर है रहता प्रभु का सदा धियान।।

जगत मे बनते आप महान।।

कैथा जामुन भोग लगाकर जग सिरजन कहलाते हैं।

पान सुपारी और नारियल का भी ग्रास बनाते हैं।।

ऋषी सन्त औ मानव दानव लेते आप से ज्ञान।। जगत मे बनते आप महान।।

मात पिता की सेवा करके पहले पूजे जाते हैं।

शरण आप की जो भी आता, उसको गले लगाते हैं।।

सदा आर0 के0 आप शरण मे करत रहे गुणगान।।

जगत मे बनते आप महान।।



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