प्रयाग दर्शन
प्रयाग दर्शन
तीर्थ में शीर्ष खिला प्रयागराज फुलवारी पावन है।।
गंगा, यमुना, सरस्वती की बहती है जल धारा।
तीनो का संगम है जानो लगे सभी को प्यारा।।
बगलइ कुटी बीर बजरंगी की फुलवारी पावन है।।
मंगलवार को दर्शन खातिर जुटते है नर नारी।
मन्नत मागे विनती कइके जीवन करे सुखारी।।
आगे किला की शोभा मन को लगे पिआरी पावन है।।
इसी किला के अन्दर यारों है आयुध भण्डार।
दुश्मन का छक्का तक छूटे बने बड़ा हथियार।।
बगलइ बिड़ला मन्दिर की अति छटा निसारी पावन है।।
चन्द्रशेखर आजाद की गाथा जानत सकल जहान।
इसी कम्पनी बाग के अन्दर किये जान कुर्वान।।
आर0 के0 हाईकोर्ट है न्यायकेन्द्र विस्तारी पावन है।।
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