सरस्वती वन्दना
सरस्वती वन्दना
तर्ज: (गजानन्द महराज पधारो किर्तन की तैयारी है।।)
सरस्वती माँ आई विराजो, तुमसे अर्ज हमारी है।।
आप का आसन वहाँ पे सोहै, जहाँ पे ऊँच अटारी है।।
सरस्वती माँ आई विराजो, तुमसे अर्ज हमारी है।।
ज्ञान ध्यान कछु ना है मइया, केवल आस तुम्हारी है।।
सरस्वती माँ आई विराजो, तुमसे अर्ज हमारी है।।
जीवन के सातो दुश्मन से, जीना बहुत ही भारी है।।
सरस्वती माँ आई विराजो, तुमसे अर्ज हमारी है।।
दास आर0 के0 यह कर जोड़े, आया शरण तुम्हारी है।।
सरस्वती माँ आई विराजो, तुमसे अर्ज हमारी है।।
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