श्री सरस्वती बन्दना

 श्री सरस्वती बन्दना

करतल वीणा बजावे हो मयनवा।।

सरस्वती मइया की उज्जवल चुनरिया।

मोरवा संग मे सुहाये हो मयनवा।। करतल वीणा।।

स्वेत कमल पर लाइव असनवा।

महिमा सुरगण जी गावे हो मयनवा।। करतल वीणा।।

जो नर करते माँ तोहरी भजनिया।

उनको ज्ञनवा बतावे हो मयनवा।। करतल वीणा।।

आर0 के0 सदा चूमै तोहरी चरनिया।

नेहिया पग मे लगावे हो मयनवा।। करतल वीणा।।


Comments

Popular posts from this blog

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।

न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किच्ञन।

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।