अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः।

 श्री राधा


अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः।


कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति।।


अर्जुन बोले- आपका जन्म तो अर्वाचीनअभी हालका है और सूर्यका जन्म 

बहुत पुराना है अर्थात् कल्पके आदिमें हो चुका था; तब मैं इस बातको कैसे 

समझूँ कि आपहीने कल्पके आदिमें सूर्यसे यह योग कहा था?।।4.4।।



Comments

Popular posts from this blog

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।

न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किच्ञन।

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।