काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुभ्दवः।

 श्री राधा


काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुभ्दवः।


महाशनो महापाप्मा विध्दयेनमिह वैरिणम्।।


श्रीभगवान् बोले-रजोगुणसे उत्पन्न हुआ यह काम ही क्रोध है, यह बहुत 

खानेवाला अर्थात् भोगोंसे कभी न अघानेवाला और बड़ा पापी है, इसको ही तू 

इस विषयमें वैरी जान।।3.37।।


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