सरस्वती बन्दना
सरस्वती बन्दना पग बन्दन करूँ कर जोर हो, आवा मइहर मयरिया।। ऊँचे पहड़वा पे तोहरा बसेरा। सुबह शाम लागे भगतवन का डेरा।। करते भजन चहुँ ओर हो, आवा मइहर मयरिया।। नहीं कुछ ज्ञान अहइ हमरे मयरिया। उतने पे छाई चहुँ ओर अधिअरिया।। दिलवा मे कइद्या अजोर हो, आवा मइहर मयरिया।। सद्बुध्दि देकरके कष्ट हरो माँ। सुनिये पुकार नही देर करो माँ।। मन लागे भक्ती मे मोर हो, आवा मइहर मयरिया।। जग सारा हरदम तोहार गुन गावे। आर0 के0 सदा पगमे नहिया लगावे।। पे्रम पवन बहे चहुँ ओर।। आवा मइहर मयरिया।।